मेरा नाम नीरज है।मैं हरियाणा में रहता हूँ।मेरे शादी 2009 में हुई थी।शादी के पहले दिन से ही मेरी पत्नी अपनी मनमानी करते हुए मुझे गाली देने लगी और कहने लगी की उसके माता पिता ने उसको कहाँ फंसा दिया है।वो इतने बड़े घर की बेटी थी उसको कहाँ झोपड़ पट्टी वाले लड़के के पास भेज दिया।आये दिन मुझ से गाली गलोच करती।कुछ ही दिन बीते उसने मुझ पर हाथ उठाना चालू कर दिया ।मैं जब भी कुछ समझाने बैठता तो वो मुझे और मेरे परिवार को दहेज़ के झूठे केस में फ़साने की धमकी देती।मुझे काम पर नहीं जाने देती थी।जैसे तैसे मैं अगर काम पे चला जाता था तो घर आते ही मुझसे लड़ाई करती।हद तो तब हो जाती थी की इतनी लड़ाई करने के बाद जब मेरा मन सहवास करने का नहीं होता था तब मुझे सहवास न करने के लिए झूठे केसों में फ़साने के लिए धमकी देती थी।मैंने उसके माता पिता से बात करी तो वो कहने लगे हमने तुम्हे अपनी बेटी दे दी तुम जानो तुम्हारा काम जाने।अगर तुमने हमारी बेटी का कहा नहीं माना तो झूठे केस में फंसाकर तुम्हारा घर मकान सब बिकवा देंगे और तुम्हे जेल की चक्की पिसवायेंगे।कुछ दिन बाद मेरी बीवी मुझे छोड़कर चली गयी और अपने मायके जाकर वहां के थाने में झूठी दरखास्त दे दी।ये सुनकर मुझे आया की अगर मैं आत्महत्या कर लेता हूँ तो सारा झंझट ही खत्म हो जायेगा,मैं घर से आत्महत्या करने के लिए निकला पर मुझे रास्ते में सड़क पर एक फ़ोन नंबर दिखा 8882498498(पुरुष हेल्पलाइन) जिस पर लिखा था अगर आपकी पत्नी आपको झूठे केस में फ़साने की धमकी दे तो सेव इंडियन फैमिली संस्था को फ़ोन करें।मेरे मन में पता नहीं क्या आया सोचा चलो 1बार फ़ोन कर लेते हैं।फ़ोन मिलाया तो वहां के सज्जन पुरुष ने बात करी और मुझे कहा की घबराने की कोई बात नहीं है।अगर तुमने कुछ गलत नहीं किया तो तुम्हारे साथ कुछ गलत नहीं होगा,मेरा उन्होंने बहुत आत्मविश्वास बढ़ाया।फिर कुछ दिन बाद मैं
उनकी साप्ताहिक मीटिंग में गया वहां जाकर मैंने देखा की मेरे जैसे कई लोग हैं जो अपनी पत्नियों से परेशान हैं और जिनके ऊपर कई झूठे मुकदमें चल रहे हैं।उन सबने भी मुझे समझाया और मेरा मनोबल बढ़ाया और मुझे कुछ कानून की जानकारी भी दी।धीरे धीरे मुझे कानून की जानकारी आने लगी,मेरे अंदर हिम्मत आने लगी।धीरे धीरे मैं थानो में जाने लगा फिर कोर्ट में जो केस हुए थे उनको देखने व् समझने लगा।मैं अपनी पत्नी के आगे नहीं बोल पाता था और आज जज और वकील के आगे बोलने लगा।इस संस्था में मेरे कई नए दोस्त भी बने।ये सिर्फ और सिर्फ सेव इंडियन फैमिली की वजह से हुआ।इस संस्था ने मुझे यही सीख दी कि चाहे परस्थिति कैसी भी हो इंसान को कभी नहीं घबराना चाहिए और हर मुश्किल का सामना करना चाहिए।
उनकी साप्ताहिक मीटिंग में गया वहां जाकर मैंने देखा की मेरे जैसे कई लोग हैं जो अपनी पत्नियों से परेशान हैं और जिनके ऊपर कई झूठे मुकदमें चल रहे हैं।उन सबने भी मुझे समझाया और मेरा मनोबल बढ़ाया और मुझे कुछ कानून की जानकारी भी दी।धीरे धीरे मुझे कानून की जानकारी आने लगी,मेरे अंदर हिम्मत आने लगी।धीरे धीरे मैं थानो में जाने लगा फिर कोर्ट में जो केस हुए थे उनको देखने व् समझने लगा।मैं अपनी पत्नी के आगे नहीं बोल पाता था और आज जज और वकील के आगे बोलने लगा।इस संस्था में मेरे कई नए दोस्त भी बने।ये सिर्फ और सिर्फ सेव इंडियन फैमिली की वजह से हुआ।इस संस्था ने मुझे यही सीख दी कि चाहे परस्थिति कैसी भी हो इंसान को कभी नहीं घबराना चाहिए और हर मुश्किल का सामना करना चाहिए।